*~* शब्दों के सर्वश्रेष्ठ ई-महोत्सव 2014 के स्वतंत्र ई-पुस्तक पुरस्कार प्रतियोगिता की विजेता -सर्वश्रेष्ठ उपन्यास *~*
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अपने प्रेमी द्वारा छोड़े जाने पर केसेंडरा बरूश व्यथित हो कर अपनी गाड़ी से निकलती है जो अनजाने में दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है और उसकी मृत्यु हो जाती है। बौखलाई केसी का सामना एक आकर्षक से फरिश्ते से होता है जो उसे एहसास दिलाता है कि मृत्यु किसी समस्या का समाधान नहीं होती, और जिंदगी को पूर्ण रूप से जीने के गूढ़ रहस्यों को बताता है।
यह एक आधुनिक कल्पित कहानी है, जो जिंदगी के कड़वे सच को उजागर करती है। आर्थिक तंगी, पारिवारिक मनमुटाव, रिश्तों में अपेक्षाएं और उनसे जुड़ी निराशा, मनुष्य जीवन के सारे पहलुओं को बखूबी छूती हुई एक आशा का संचार करती है।
“बहुत चंद किताबों से मेरी आंखों में आंसू आए हैं लेकिन इस किताब ने बहुत ही श्रेष्ठ तरीके से ऐसा किया है। इसमें एक संदेश निहित है, जो हास्य और गरिमा के साथ वर्णित है। अद्भुत!” पाठक समीक्षा
“उसने मुझे सहानुभूति रखने के लिए प्रेरित किया, और उसने मुझे रुलाया। और मैं अंत के लिए बहुत, बहुत शुक्रगुजार हूँ।” पाठक समीक्षा
“एक ऐसी किताब जिसने मुझे इस तरह से प्रभावित किया जैसे कभी किसी किताब ने नहीं किया।” पाठक समीक्षा
“एक बार फिर से एना ने स्वर्ण शब्द संजोए हैं।” पाठक समीक्षा
“अगर मेरे वश में हो तो इस किताब को मैं अनंत सितारों से तारांकित करूँ, इस कहानी ने मुझे सिहरा दिया।” पाठक समीक्षा
*Translated by Antra Srivastava.
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